BENGALURU TEST MATCH IND VS NZ : बेंगलुरु टेस्ट मैच में भारत बनाम न्यूजीलैंड हारे ? : भारत और क्रिकेट का रिश्ता जितना पुराना है, उतना ही भावनात्मक भी है। जब भारतीय टीम अपने ही घर में बुरी तरह से हार जाती है, तो यह किसी सदमे से कम नहीं होता। बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में कुछ ऐसा ही हुआ। यह मैच भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक काले पन्ने के रूप में दर्ज हो चुका है। जिस तरह से टीम इंडिया 46 रन पर सिमट गई, उसे देखकर हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी का दिल टूट गया।
BENGALURU TEST MATCH IND VS NZ : बेंगलुरु टेस्ट मैच में भारत बनाम न्यूजीलैंड हारे ?
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बेंगलुरु का टेस्ट मैच हारना सिर्फ एक हार नहीं थी, बल्कि भारतीय टीम के लिए एक बड़ी सीख भी थी। आइए विस्तार से समझते हैं कि आखिर इस मैच में ऐसा क्या हुआ कि भारतीय टीम इस कदर लड़खड़ा गई और न्यूजीलैंड ने कैसे भारतीय धरती पर जीत दर्ज की।
1. पहली गलती – टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनना
बेंगलुरु का पिच आम तौर पर बल्लेबाजों के लिए मददगार माना जाता है, लेकिन इस बार मौसम ने अपना खेल दिखाया। पिच पर नमी थी और मौसम में मॉइश्चर होने की वजह से न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन गईं। रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया, जो कि भारी पड़ गया।
टॉस जीतने के बाद रोहित शर्मा ने बैटिंग का फैसला लिया, जो कई विशेषज्ञों के अनुसार एक बड़ी गलती थी। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों, खासकर साउथी और बोल्ट जैसे स्विंग गेंदबाजों ने इस नमी का पूरा फायदा उठाया। भारत के पांच बल्लेबाज बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए, जो इस फैसले की बड़ी नाकामी को दर्शाता है। यहां तक कि न्यूजीलैंड के कप्तान टॉम लैथम ने भी कहा था कि वो भी पहले बैटिंग करना चाहते थे, लेकिन यह एक चतुराई भरी चाल हो सकती है।
2. खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन
इस हार का दूसरा बड़ा कारण था भारतीय बल्लेबाजों का बेहद खराब प्रदर्शन। भारतीय टीम के पांच बल्लेबाज बिना कोई रन बनाए आउट हो गए। यह स्थिति टीम के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी। यहां तक कि अनुभवी बल्लेबाज भी संघर्ष करते नजर आए। विराट कोहली, जिन्हें नंबर तीन पर उतारा गया था, भी नाकाम रहे। उनका खराब फॉर्म जारी रहा, और वो बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गए।
यशस्वी जयसवाल और ऋषभ पंत ही ऐसे बल्लेबाज थे जो दहाई के आंकड़े तक पहुंच पाए, बाकी बल्लेबाजों की स्थिति बेहद खराब रही। भारतीय टीम का कुल स्कोर 46 पर सिमट जाना दर्शाता है कि टीम में न केवल संयम की कमी थी, बल्कि किसी भी बल्लेबाज ने पिच के मुताबिक खुद को ढालने की कोशिश नहीं की।
3. विराट कोहली का खराब फॉर्म
विराट कोहली का फॉर्म लंबे समय से चिंता का विषय बना हुआ है। इस मैच में भी उनसे बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन वो एक बार फिर नाकाम रहे। उन्हें तीसरे नंबर पर बैटिंग करने के लिए भेजा गया, जो कि उनकी सामान्य स्थिति नहीं है। टेस्ट मैच में तीसरे नंबर पर विराट का रिकॉर्ड पहले से ही खराब रहा है। इस मैच में भी वही स्थिति रही, और वो बिना कोई रन बनाए पवेलियन लौट गए।
कोहली का खराब फॉर्म टीम इंडिया की इस हार का तीसरा बड़ा कारण बना। उनकी बैटिंग में आत्मविश्वास की कमी साफ नजर आ रही थी। फैंस और विशेषज्ञों का मानना है कि विराट कोहली को अब अपनी तकनीक और मानसिकता पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि वो फिर से अपने पुराने फॉर्म में वापस आ सकें।
4. न्यूजीलैंड के गेंदबाजों का दमदार प्रदर्शन
भारतीय बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन का बड़ा कारण न्यूजीलैंड के गेंदबाजों का दमदार प्रदर्शन था। टीम इंडिया को पता था कि न्यूजीलैंड के पास विश्व स्तरीय गेंदबाज हैं, लेकिन शायद उन्होंने पिच और मौसम की स्थिति का सही अंदाजा नहीं लगाया। न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने हर एक बॉल पर सटीक लाइन और लेंथ रखी, जिसका भारतीय बल्लेबाजों के पास कोई जवाब नहीं था।
साउथी और बोल्ट जैसे अनुभवी गेंदबाजों ने अपनी स्विंग गेंदबाजी से भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाल दिया। खासकर साउथी की इनस्विंग गेंदों ने भारतीय बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया। न्यूजीलैंड की फील्डिंग भी शानदार रही। कैच पकड़ने के कई मौके बने, और न्यूजीलैंड ने हर एक मौके का फायदा उठाया।
5. सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
इस हार के बाद सोशल मीडिया पर फैंस और विशेषज्ञों ने टीम इंडिया की जमकर आलोचना की। कई पूर्व खिलाड़ियों ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने के फैसले को गलत बताया। मोहम्मद कैफ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि पिच में नमी थी और न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने इस स्थिति का पूरा फायदा उठाया।
फैंस ने भी सोशल मीडिया पर मीम्स और मजाकिया टिप्पणियों की बाढ़ ला दी। कई लोगों ने इस हार को भारत के 36 रन पर ऑलआउट होने वाली घटना से जोड़ा, जब ऑस्ट्रेलिया ने भारत को इसी तरह शर्मसार किया था। भारतीय क्रिकेट टीम की इस हालत को देखकर हर क्रिकेट प्रेमी का दिल टूट गया।
6. इतिहास से सीख नहीं लेना
2002 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेले गए मैच की याद दिलाई जा रही है, जब भारतीय टीम ने भी ऐसी ही परिस्थितियों में टॉस जीतकर पहले बैटिंग की थी। हालांकि उस मैच में भारतीय बल्लेबाजों ने संयम दिखाया और 628 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया। सहवाग जल्दी आउट हो गए थे, लेकिन बाकी बल्लेबाजों ने स्थिति को संभाला और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। उस मैच में भारत ने इंग्लैंड को एक पारी और 46 रन से हराया था।
वर्तमान भारतीय टीम को भी ऐसे मैचों से सीख लेने की जरूरत है। टेस्ट मैच में संयम और तकनीक का बेहद महत्व होता है। भारतीय बल्लेबाजों ने यहां न तो संयम दिखाया और न ही तकनीक का सही इस्तेमाल किया।
7. क्या अब टीम इंडिया वापसी कर पाएगी?
हर हार एक सीख लेकर आती है। भारतीय क्रिकेट टीम ने पहले भी कई बार खराब प्रदर्शन किया है, लेकिन हर बार टीम ने दमदार वापसी की है। फैंस को उम्मीद है कि भारतीय टीम इस हार से सबक लेकर आगे के मैचों में बेहतर प्रदर्शन करेगी।
रोहित शर्मा और टीम मैनेजमेंट को इस हार के बाद गंभीरता से अपनी रणनीति पर विचार करना चाहिए। बल्लेबाजी क्रम, पिच के अनुसार रणनीति और खिलाड़ियों के मानसिकता पर काम करना बेहद जरूरी है। साथ ही, विराट कोहली का फॉर्म भी टीम के लिए बड़ा सवाल बना हुआ है। उन्हें अपने फॉर्म में वापसी के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
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निष्कर्ष:
बेंगलुरु टेस्ट मैच में भारतीय टीम की हार ने सभी को चौंका दिया। 46 रन पर ऑलआउट होना भारतीय क्रिकेट के लिए एक बुरा सपना था। टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने का गलत फैसला, बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन और न्यूजीलैंड के गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी—इन तीन कारणों से भारत को यह शर्मनाक हार झेलनी पड़ी।
हालांकि, हर हार से एक सीख मिलती है और उम्मीद है कि भारतीय टीम इस हार से सबक लेकर अगली सीरीज में दमदार वापसी करेगी। क्रिकेट में एक कहावत है—“हार के बाद ही जीत की राह बनती है।” अब देखना होगा कि भारतीय टीम किस तरह से इस हार से उबरती है और आगे के मैचों में कैसी प्रतिक्रिया देती है।
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