Fierce fight in India vs Pakistan match: Brawl between Abhishek Sharma and Sufiyan Muqeem. Umpire intervened : भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा से ही हाई वोल्टेज मुकाबले होते हैं। चाहे वह राष्ट्रीय स्तर पर हो या फिर किसी छोटे टूर्नामेंट में, दोनों टीमों के बीच तनाव और भावनाओं का उबाल मैच में साफ दिखाई देता है। हाल ही में एसीसी मेंस टी20 इमर्जिंग एशिया कप में एक ऐसा ही घटना देखने को मिली, जिसमें भारतीय खिलाड़ी अभिषेक शर्मा और पाकिस्तानी गेंदबाज सुफियान मुकीम के बीच गहमागहमी हो गई। यह लड़ाई इतनी बढ़ गई कि अगर अंपायर बीच-बचाव नहीं करते, तो शायद मामला हाथापाई तक पहुंच सकता था।
Fierce fight in India vs Pakistan match: Brawl between Abhishek Sharma and Sufiyan Muqeem. Umpire intervened
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मैच की पृष्ठभूमि
एसीसी मेंस टी20 इमर्जिंग एशिया कप के इस मैच में भारत और पाकिस्तान की युवा टीमों के बीच भिड़ंत हुई। हर बार की तरह, इस मैच में भी दर्शकों की उम्मीदें और खिलाड़ियों का जोश अपने चरम पर था। दोनों टीमों के खिलाड़ी अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, और हर कोई चाहता था कि उसकी टीम विजयी हो।
अभिषेक शर्मा, जो भारत के लिए खेलते हैं, अपनी तेज़ और आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। इस मैच में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान के गेंदबाजों की अच्छी धुनाई की। लेकिन उनकी यह धुनाई पाकिस्तानी खिलाड़ियों को ज्यादा पसंद नहीं आई, और इसका परिणाम एक विवाद के रूप में सामने आया।
विवाद की शुरुआत
मैच के सातवें ओवर में अभिषेक शर्मा ने सुफियान मुकीम की पहली गेंद पर बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की। यह एक महत्त्वपूर्ण पल था, क्योंकि अभिषेक उस वक्त तक 35 रन बना चुके थे और 2 छक्के और 5 चौके लगाकर टीम इंडिया को एक अच्छी शुरुआत दी थी। लेकिन सुफियान मुकीम की इस गेंद पर अभिषेक कैच आउट हो गए। जैसे ही अभिषेक आउट हुए, सुफियान ने उन्हें इशारे से मैदान से बाहर जाने का रास्ता दिखाया। यह इशारा न सिर्फ अपमानजनक था, बल्कि अभिषेक के लिए उकसाने वाला भी था।
अभिषेक का गुस्सा
सुफियान मुकीम का यह इशारा अभिषेक को बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। अभिषेक, जो पहले ही मैदान में अपने प्रदर्शन से संतुष्ट थे, इस इशारे से गुस्से में आ गए। उन्होंने तुरंत सुफियान से पूछा, “क्या हुआ, क्यों बोल रहे हो?” यह सवाल विवाद की चिंगारी बन गया। दोनों खिलाड़ियों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, और ऐसा लगने लगा कि मामला बढ़ सकता है। हालांकि, अभिषेक ने खुद को नियंत्रित किया और सीधा हाथापाई पर नहीं उतरे, लेकिन दोनों के बीच तीखी बहस हो रही थी।
अंपायर का हस्तक्षेप
जब मामला ज्यादा बढ़ता हुआ दिखा, तब अंपायर ने स्थिति को संभालने का फैसला किया। मैदान में मौजूद अंपायर ने तुरंत बीच-बचाव किया और दोनों खिलाड़ियों को अलग किया। अंपायर का यह हस्तक्षेप समय पर हुआ, नहीं तो हो सकता था कि यह विवाद एक बड़े झगड़े का रूप ले लेता। अंपायर ने अभिषेक से कहा कि वह अपनी नाराजगी छोड़कर पवेलियन लौट जाएं, जबकि सुफियान को भी चेतावनी दी कि वह अपने व्यवहार को नियंत्रित करें।
लड़ाई का कारण
यह लड़ाई एक तरह से भावनाओं का उबाल थी। क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसमें खिलाड़ी अपने देश के सम्मान और गर्व के साथ खेलते हैं। ऐसे में जब किसी खिलाड़ी की परफॉर्मेंस अच्छी होती है और वह विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को चुनौती देता है, तो उसकी भावनाएं भी उग्र हो सकती हैं। अभिषेक शर्मा ने अपने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी से पाकिस्तान के गेंदबाजों की हालत पतली कर दी थी। यह सुफियान मुकीम के लिए असहनीय था, और इसलिए जब उन्होंने अभिषेक को आउट किया, तो उनके अंदर की भावनाएं बाहर आ गईं।
पाकिस्तान के खिलाड़ी की गलती
इस विवाद में अगर देखा जाए, तो शुरुआत सुफियान मुकीम की तरफ से हुई थी। उन्होंने अभिषेक शर्मा को उकसाने के लिए इशारा किया, जो एक तरह से खेल भावना के खिलाफ था। क्रिकेट एक जेंटलमैन गेम माना जाता है, जहां खिलाड़ी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। लेकिन जब किसी खिलाड़ी का व्यवहार उग्र हो जाता है और वह अपने प्रतिद्वंद्वी को उकसाने की कोशिश करता है, तो खेल का सौहार्द बिगड़ जाता है। सुफियान का यह इशारा साफ तौर पर अभिषेक को उकसाने के लिए था, जिससे अभिषेक का गुस्सा भड़क गया।
अभिषेक की प्रतिक्रिया
अभिषेक शर्मा, जो एक युवा और उत्साही खिलाड़ी हैं, उन्होंने भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सुफियान से सवाल किया कि वह ऐसा इशारा क्यों कर रहे हैं। अभिषेक की प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी, क्योंकि जब कोई खिलाड़ी आउट होता है, तो वह अपनी हार को स्वीकार करता है। लेकिन अगर उसे बाहर जाने का इशारा किया जाए या अपमानित किया जाए, तो उसकी भावनाएं भी आहत होती हैं। अभिषेक ने सुफियान से कहा कि मैदान में उनका काम गेंदबाजी करना है, न कि लड़ाई करना।
खेल के मैदान में ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब भारत और पाकिस्तान के मैच में इस तरह की घटना हुई हो। इससे पहले भी कई बार दोनों टीमों के खिलाड़ियों के बीच कहासुनी और विवाद हो चुके हैं। खासकर जब यह मैच युवा टीमों के बीच होता है, तो खिलाड़ियों में जोश और उत्साह अपने चरम पर होता है। कई बार यह उत्साह गलत दिशा में चला जाता है और विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है।
उदाहरण के लिए, अंडर-19 विश्व कप में भारत और बांग्लादेश के बीच एक बार ऐसी ही घटना हुई थी, जब खिलाड़ियों के बीच नोकझोंक हो गई थी। उस मैच में भी खिलाड़ियों की भावनाएं इतनी उग्र हो गई थीं कि हाथापाई की नौबत आ गई थी। लेकिन वहां भी अंपायर और टीम प्रबंधन ने बीच-बचाव करके मामला शांत कराया था। इसी तरह, बड़े टूर्नामेंटों में भी कई बार खिलाड़ियों के बीच छोटी-मोटी बहस हो जाती है, लेकिन अंपायर और मैच रेफरी इसका समाधान निकाल लेते हैं।
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अंपायर का महत्त्वपूर्ण रोल
खेल के मैदान में अंपायर का रोल बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। जब भी कोई विवाद या गलतफहमी होती है, तो अंपायर का काम होता है कि वह मामले को तुरंत शांत करे। इस मैच में भी अंपायर ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई और दोनों खिलाड़ियों को अलग किया। अगर अंपायर समय पर हस्तक्षेप नहीं करते, तो यह विवाद हाथापाई तक पहुंच सकता था, जिससे मैच की गरिमा धूमिल होती।
अंपायर का यह निर्णय बहुत ही महत्त्वपूर्ण था, क्योंकि उन्होंने न सिर्फ खिलाड़ियों को शांत किया, बल्कि मैच के माहौल को भी बिगड़ने से बचा लिया। क्रिकेट में ऐसी घटनाएं कभी-कभी हो जाती हैं, लेकिन अंपायर का काम होता है कि वह खेल की भावना को बनाए रखें और खिलाड़ियों को आपस में लड़ने से रोकें।
खेल भावना की महत्ता
क्रिकेट जैसे खेल में खेल भावना सबसे महत्वपूर्ण होती है। खिलाड़ियों को यह समझना चाहिए कि वे सिर्फ अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे होते, बल्कि एक उदाहरण भी पेश कर रहे होते हैं। खासकर युवा खिलाड़ियों को खेल भावना का पालन करना चाहिए और मैदान में अपने व्यवहार को नियंत्रित रखना चाहिए। अगर खिलाड़ी इस बात को समझेंगे, तो ऐसे विवाद भविष्य में नहीं होंगे।
अभिषेक शर्मा और सुफियान मुकीम दोनों ही युवा खिलाड़ी हैं, और उनके अंदर जोश और उत्साह भरपूर है। लेकिन यह जोश कभी-कभी गलत दिशा में चला जाता है, जैसा कि इस मैच में हुआ। खिलाड़ियों को सीखना चाहिए कि उन्हें अपनी भावनाओं को नियंत्रित रखना चाहिए और खेल को खेल की तरह खेलना चाहिए।
निष्कर्ष
भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस मैच में जो विवाद हुआ, वह एक उदाहरण है कि कैसे खेल के मैदान में भावनाएं उफान पर आ सकती हैं। हालांकि, इस विवाद को अंपायर ने समय रहते शांत कर दिया, लेकिन यह घटना खेल भावना के महत्व को दर्शाती है। खिलाड़ियों को चाहिए कि वे मैदान में अपने व्यवहार को नियंत्रित रखें और अपने प्रतिद्वंद्वियों का सम्मान करें।
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