बेंगलुरु में हुए भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 8 विकेट से करारी हार : का सामना करना पड़ा। यह हार सिर्फ एक मैच का परिणाम नहीं था, बल्कि इसने टीम इंडिया की रिकॉर्ड बुक को भी बुरी तरह प्रभावित किया। इस मैच ने भारतीय टीम को कई शर्मनाक रिकॉर्ड्स से जोड़ दिया, जो लंबे समय तक याद रखे जाएंगे। आइए, जानते हैं इस मैच में टीम इंडिया ने कौन-कौन से शर्मनाक रिकॉर्ड बनाए और कैसे भारतीय क्रिकेट की रिकॉर्ड बुक पर इसका गहरा असर पड़ा।
बेंगलुरु में हुए भारत और न्यूजीलैंड के बीच टेस्ट मैच में टीम इंडिया को 8 विकेट से करारी हार
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बेंगलुरु में शर्मनाक हार
न्यूजीलैंड ने बेंगलुरु टेस्ट में भारतीय टीम को 8 विकेट से हराया, जो अपने आप में एक बड़ी बात थी। न्यूजीलैंड की यह जीत 36 साल बाद भारतीय सरजमीं पर आई, जो उन्हें आखिरी बार 1988 में मुंबई में मिली थी। बेंगलुरु की इस हार ने टीम इंडिया के लंबे समय से चले आ रहे जीत के सिलसिले को भी थाम दिया। न्यूजीलैंड ने भारत में अपनी तीसरी टेस्ट जीत दर्ज की, और इससे भारतीय क्रिकेट फैंस को बड़ा झटका लगा।
2012 के बाद घर में दूसरी बड़ी हार
इस हार के साथ एक और बड़ा रिकॉर्ड टूटा। 2012 के बाद यह पहली बार हुआ जब भारतीय टीम ने एक ही साल में दो टेस्ट मैच अपने ही घर में गंवाए। रोहित शर्मा की कप्तानी में इस साल पहले इंग्लैंड ने हैदराबाद में भारत को 28 रनों से हराया था, और अब बेंगलुरु में न्यूजीलैंड ने भारत को 8 विकेट से हराया। भारतीय टीम की घरेलू सरजमीं पर इस तरह की हार लंबे अरसे में देखने को मिली है।
रोहित शर्मा की कप्तानी पर दाग
रोहित शर्मा, जो भारतीय क्रिकेट के सफलतम कप्तानों में से एक माने जाते हैं, उनकी कप्तानी में यह भारत की पांचवीं हार थी। रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया ने अब तक कुल 19 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से 12 में जीत और 5 में हार मिली है। यह रिकॉर्ड अच्छा तो है, लेकिन बेंगलुरु की हार ने उनके आंकड़ों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। घरेलू मैदान पर रोहित ने अब तक 14 मैचों में कप्तानी की है, जिनमें से 10 मैच जीते, 3 हारे और 1 ड्रॉ रहा।
बेंगलुरु में शर्मनाक बल्लेबाजी प्रदर्शन
इस मैच में भारतीय टीम का बल्लेबाजी प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा। पहली पारी में टीम इंडिया महज 46 रनों पर ढेर हो गई। यह भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तीसरी सबसे कम स्कोर वाली पारी थी। इससे पहले 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम 42 रनों पर और 2020 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 36 रनों पर ऑल आउट हो गई थी। न्यूजीलैंड ने इस शर्मनाक सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया।
घरेलू मैदान पर 100+ रन का लक्ष्य नहीं बचा सके
बेंगलुरु की इस हार से एक और रिकॉर्ड टूट गया। पिछले 24 सालों में यह पहला मौका था जब किसी विदेशी टीम ने भारत में 100 से अधिक रनों का लक्ष्य चेज किया। इससे पहले 2000 में दक्षिण अफ्रीका ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में यह कारनामा किया था। भारत में खेले गए 32 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया 100 से अधिक रनों के लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव करने में कामयाब रही थी, लेकिन इस बार न्यूजीलैंड ने इस सिलसिले को भी तोड़ दिया।
भारतीय स्पिनर्स का खराब प्रदर्शन
भारतीय स्पिनर्स ने भी इस मैच में निराशाजनक प्रदर्शन किया। बेंगलुरु टेस्ट में उन्होंने 4.83 की इकॉनमी से रन खर्च किए। यह भारतीय स्पिनर्स का सबसे महंगा प्रदर्शन नहीं था, लेकिन 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 5.60 की इकॉनमी से रन लुटाने के बाद यह दूसरा सबसे खराब प्रदर्शन था। स्पिनर्स से हमेशा उम्मीद की जाती है कि वे भारतीय पिचों पर बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे, लेकिन इस बार वे नाकाम रहे।
2005 के बाद बेंगलुरु में पहली हार
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में यह भारतीय टीम की 2005 के बाद पहली हार थी। पिछले 19 सालों में भारत ने यहां 8 टेस्ट मैच खेले थे, जिनमें से 5 में जीत हासिल की थी और 3 मैच ड्रॉ रहे थे। लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ यह मैच हारना टीम इंडिया के लिए एक बड़ा झटका था। न्यूजीलैंड इससे पहले बेंगलुरु में खेले गए 3 टेस्ट मैचों में हार चुका था, लेकिन इस बार उन्होंने भारतीय टीम को हराकर इतिहास रच दिया।
भारतीय टीम के लिए सबक
इस हार से भारतीय टीम के लिए कई सबक सामने आए हैं। टीम इंडिया को अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में सुधार करना होगा। भारतीय बल्लेबाजों को विदेशी गेंदबाजों के खिलाफ बेहतर तरीके से खेलना सीखना होगा। वहीं, गेंदबाजों को दबाव में सटीक गेंदबाजी करनी होगी, खासकर स्पिनर्स को, क्योंकि भारतीय पिचों पर उनसे बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जाती है।
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निष्कर्ष
बेंगलुरु में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज हो गई है। इस मैच ने टीम इंडिया के कई रिकॉर्ड्स को ध्वस्त कर दिया और कई नए शर्मनाक रिकॉर्ड्स बनाए। रोहित शर्मा की कप्तानी में यह हार भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए एक बड़ा झटका थी। भारतीय टीम को इस हार से सीख लेकर अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा, ताकि आने वाले मुकाबलों में वे बेहतर खेल दिखा सकें और अपने खोए हुए गौरव को वापस पा सकें।
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