Kohli-Sarfaraz’s half century, Team India’s comeback in Bangalore Test : बेंगलुरु टेस्ट मैच में टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच रोमांचक मुकाबला चल रहा है। पहली पारी में भारतीय टीम बुरी तरह लड़खड़ा गई थी और महज 46 रनों पर ऑलआउट हो गई। इसके बाद न्यूजीलैंड ने 402 रन बनाकर 356 रनों की विशाल बढ़त हासिल कर ली। हालांकि, तीसरे दिन टीम इंडिया ने शानदार वापसी की और तीन विकेट पर 231 रन बनाकर मुकाबले को फिर से जीवंत कर दिया। अब सवाल यह उठता है कि क्या भारतीय टीम इस मैच में जीत हासिल कर पाएगी?
कोहली-सरफराज का अर्धशतक, बैंगलुरु टेस्ट में टीम इंडिया की वापसी
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इस लेख में हम इतिहास, मौजूदा प्रदर्शन, और टेस्ट क्रिकेट की पृष्ठभूमि के आधार पर विश्लेषण करेंगे कि क्या भारत के पास जीत का मौका है।
तीनों नतीजे हैं मुमकिन – जीत, हार या ड्रॉ?
बेंगलुरु टेस्ट के मौजूदा हालात को देखें, तो तीनों परिणाम संभव नजर आ रहे हैं। भारत के पास अभी 231 रन हैं और वह 125 रनों से पीछे चल रहा है। अगर भारत 350-400 का लक्ष्य रखता है, तो मैच का पासा पलट सकता है। लेकिन न्यूजीलैंड भी वापसी करने में सक्षम है और मैच को जीतने या ड्रॉ कराने के लिए पूरा जोर लगाएगा।
इतिहास बताता है कि क्रिकेट में अक्सर चमत्कारी जीतें देखने को मिली हैं। विशेषकर तब, जब टीम पहली पारी में बड़ी बढ़त देने के बावजूद वापसी करती है।
इतिहास में बड़ी बढ़त से वापसी की तीन यादगार जीतें
भारत के इस मैच में जीतने की संभावनाओं को बेहतर समझने के लिए क्रिकेट इतिहास के तीन ऐसे मुकाबले देखते हैं, जहां टीमों ने पहली पारी में बड़े अंतर से पीछे होने के बाद जीत हासिल की।
1. भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया (2001)
2001 में कोलकाता टेस्ट में भारत ने असाधारण वापसी की थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 274 रनों की बढ़त हासिल की थी। भारतीय टीम फॉलोऑन का सामना कर रही थी, लेकिन वीवीएस लक्ष्मण (281) और राहुल द्रविड़ (180) की ऐतिहासिक पारियों ने मैच को पूरी तरह बदल दिया।
- दूसरी पारी में भारत ने विशाल स्कोर खड़ा किया और ऑस्ट्रेलिया को 171 रनों से हरा दिया।
- यह मैच भारतीय क्रिकेट के स्वर्णिम पलों में से एक माना जाता है।
2. ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान (2010)
2010 में सिडनी टेस्ट में पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 206 रनों की बढ़त बनाई थी। यह बढ़त काफी मजबूत दिख रही थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने शानदार वापसी की।
- पाकिस्तान दूसरी पारी में कम स्कोर पर आउट हो गया और ऑस्ट्रेलिया ने नामुमकिन सी दिखने वाली जीत हासिल कर ली।
- यह मैच क्रिकेट इतिहास के सबसे अप्रत्याशित परिणामों में से एक था।
3. न्यूजीलैंड बनाम इंग्लैंड (2023)
2023 में, न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड के खिलाफ 226 रनों की बढ़त देने के बाद भी मैच जीत लिया। यह एक ऐसा मुकाबला था, जहां इंग्लैंड की जीत लगभग तय मानी जा रही थी।
- लेकिन न्यूजीलैंड ने धैर्य और साहस के साथ खेला और मैच को अपने पक्ष में कर लिया।
- यह जीत क्रिकेट इतिहास की सबसे रोमांचक वापसी में से एक थी।
भारत के मौजूदा खिलाड़ियों में जीत की भूख
अब सवाल उठता है कि क्या मौजूदा भारतीय टीम बेंगलुरु टेस्ट में वही कमाल दिखा सकती है?
- रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे अनुभवी खिलाड़ी टीम में मौजूद हैं, जो बड़े मुकाबलों में दबाव को संभालने में माहिर हैं।
- युवा खिलाड़ियों में शुभमन गिल और श्रेयस अय्यर के पास मैच को बदलने का माद्दा है।
- गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन जैसे खिलाड़ी न्यूजीलैंड को दूसरी पारी में सस्ते में समेटने की क्षमता रखते हैं।
हालांकि, 46 रनों पर ऑलआउट होना टीम के लिए झटका जरूर था, लेकिन तीसरे दिन का प्रदर्शन आत्मविश्वास लौटाने वाला रहा है।
मौजूदा हालात: भारत के लिए क्या रणनीति होनी चाहिए?
बेंगलुरु टेस्ट के तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने तीन विकेट पर 231 रन बना लिए थे। न्यूजीलैंड की 125 रनों की बढ़त अभी भी बाकी है, लेकिन अगर भारत 200-250 रनों की बढ़त बनाने में कामयाब हो जाता है, तो मैच में जीत के प्रबल दावेदार बन सकता है।
संभावित रणनीतियां:
- धीमी और स्थिर बल्लेबाजी: चौथे दिन भारतीय बल्लेबाजों को धीरे-धीरे रन बनाते हुए क्रीज पर टिके रहना होगा। 350-400 रन का लक्ष्य भारत को मजबूत स्थिति में ला सकता है।
- गेंदबाजों की आक्रमण रणनीति: अगर भारत न्यूजीलैंड को दबाव में ला सके, तो न्यूजीलैंड की टीम बैकफुट पर आ सकती है।
- मैच को ड्रॉ पर ले जाने की कोशिश: अगर विकेट जल्दी गिरते हैं, तो भारत को समझदारी से खेलते हुए मैच को बचाने पर ध्यान देना होगा।
क्या कहता है इतिहास?
पिछले 24 वर्षों में हमने देखा है कि तीन बार टीमों ने बड़ी बढ़त देने के बावजूद जीत हासिल की है। इन उदाहरणों से यह साफ होता है कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है, जहां आखिरी गेंद तक कुछ भी संभव है।
भारत के लिए 2001 की जीत सबसे बड़ा प्रेरणा स्रोत हो सकती है, क्योंकि उस समय भी टीम ने लगभग असंभव को मुमकिन कर दिखाया था।
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न्यूजीलैंड की चुनौती को हल्के में नहीं लिया जा सकता
भले ही भारत ने वापसी के संकेत दिए हैं, लेकिन न्यूजीलैंड की टीम बेहद मजबूत है।
- न्यूजीलैंड के पास केन विलियमसन जैसे अनुभवी बल्लेबाज हैं, जो दबाव में बेहतरीन खेल दिखा सकते हैं।
- उनकी गेंदबाजी में ट्रेंट बोल्ट और टिम साउदी जैसे गेंदबाज हैं, जो भारतीय बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं।
न्यूजीलैंड की रणनीति चौथे दिन भारत को जल्द समेटने की होगी और फिर आक्रामक अंदाज में लक्ष्य का पीछा करने की कोशिश करेगी।
निष्कर्ष: क्या भारत कर सकता है चमत्कार?
बेंगलुरु टेस्ट अब रोमांचक मोड़ पर आ चुका है। भारतीय टीम ने तीसरे दिन शानदार वापसी की है, लेकिन मैच जीतना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
क्रिकेट इतिहास के आंकड़ों से यह साफ है कि बड़ी बढ़त देने के बाद भी जीत हासिल करना मुमकिन है। 2001 में भारत ने ऐसा किया था, और अब बेंगलुरु टेस्ट में भी वैसी ही उम्मीद की जा रही है।
मौजूदा टीम के पास अनुभव और युवा जोश का बेहतरीन मिश्रण है। अगर चौथे दिन बल्लेबाज अच्छी पारी खेलते हैं और गेंदबाज अपना जलवा दिखाते हैं, तो भारत इस मैच में जीत हासिल कर सकता है।
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