Virat Kohli’s ‘grand record’ हारे हुए मैच में टीम इंडिया की धमाकेदार वापसी : क्रिकेट की दुनिया में विराट कोहली का नाम किसी पहचान का मोहताज नहीं है। हाल ही में भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुए पहले टेस्ट मैच के तीसरे दिन कोहली ने ऐसा प्रदर्शन किया जिसने टीम इंडिया को हार की कगार से जीत की उम्मीद दिलाई। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि विराट कोहली ने कैसे अपने ‘महा-रिकॉर्ड’ से मैच में जान फूंकी और सरफराज खान के साथ एक बेहतरीन साझेदारी से टीम इंडिया को मज़बूत स्थिति में पहुंचाया।
Virat Kohli’s ‘grand record’
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पहले टेस्ट का रोमांचक तीसरा दिन: टीम इंडिया की वापसी
मैच के शुरुआती दौर में भारत संघर्ष कर रहा था। पहली पारी में 46 रन पर ऑल आउट होने के बाद ऐसा लग रहा था कि न्यूज़ीलैंड मैच को पूरी तरह अपने कब्जे में कर लेगा। लेकिन विराट कोहली और सरफराज खान ने तीसरे दिन बल्लेबाजी का ऐसा प्रदर्शन किया जिसने मैच का रुख बदल दिया। न्यूज़ीलैंड की पहली पारी 402 रनों पर समाप्त हुई, लेकिन इसके बाद भारत ने केवल 49 ओवरों में 231 रन बना दिए। तीन विकेट गंवाने के बावजूद टीम का आत्मविश्वास ऊंचा था, और इसकी वजह कोहली और सरफराज की दमदार साझेदारी रही।
विराट कोहली और सरफराज खान की साझेदारी ने बनाई उम्मीद
जब भारत का स्कोर 95-96 रनों पर दो विकेट था, तब ऐसा लग रहा था कि टीम फिर से मुश्किल में फंस जाएगी। लेकिन कोहली और सरफराज ने न केवल विकेट बचाए बल्कि 130 से अधिक रनों की साझेदारी भी की। इस साझेदारी ने न्यूज़ीलैंड के बड़े स्कोर (356 रनों) के अंतर को काफी हद तक कम कर दिया। अब टीम इंडिया न्यूज़ीलैंड के स्कोर से केवल 125 रन पीछे है और पांच विकेट बाकी हैं।
अगर बल्लेबाजी क्रम में बाकी खिलाड़ी भी 50-60 रन का योगदान देते हैं, तो भारत के पास जीत का बड़ा मौका है। इस तरह एक हारा हुआ मैच धीरे-धीरे जीत की ओर बढ़ने लगा। यह कोहली की सूझ-बूझ और संयमित बल्लेबाजी का नतीजा है कि भारत अब मुकाबले में मज़बूत स्थिति में है।
विराट कोहली का ऐतिहासिक ‘महा-रिकॉर्ड’
तीसरे दिन कोहली ने न केवल टीम के लिए शानदार पारी खेली, बल्कि एक व्यक्तिगत उपलब्धि भी अपने नाम की। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 9000 रन पूरे कर लिए, जिससे वह इस मुकाम तक पहुंचने वाले भारत के चौथे बल्लेबाज बन गए हैं।
भारत के टॉप टेस्ट स्कोरर:
- सचिन तेंदुलकर – 200 मैचों में 15,921 रन
- राहुल द्रविड़ – 163 मैचों में 13,265 रन
- सुनील गावस्कर – 125 मैचों में 10,122 रन
- विराट कोहली – 116 मैचों में 9,017 रन
इस उपलब्धि के साथ कोहली ने भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों की सूची में एक और कीर्तिमान जोड़ा है। जिस तरह का प्रदर्शन वह कर रहे हैं, उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि जल्द ही वह सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड भी तोड़ सकते हैं। केवल 1005 रनों की जरूरत है, और अगर कोहली 50 के औसत से रन बनाते हैं, तो लगभग 20 पारियों यानी 10 टेस्ट मैचों में वह यह मुकाम हासिल कर सकते हैं।
आक्रामक अंदाज़ में दिखे कोहली
कोहली की इस पारी की सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने आक्रामक अंदाज़ में बल्लेबाजी की। इसने न केवल न्यूज़ीलैंड के गेंदबाजों पर दबाव बनाया बल्कि टीम को भी आत्मविश्वास दिया। हालांकि कोहली अपने शतक से चूक गए और दिन की आखिरी गेंद पर आउट हो गए, लेकिन उनका योगदान टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित हुआ।
उनके आउट होने के बाद कप्तान रोहित शर्मा का रिएक्शन भी चर्चा में रहा। जैसे ही कोहली आउट हुए, रोहित ने निराशा में अपना सिर पकड़ लिया, मानो कह रहे हों, “यह क्या हो गया?” कोहली का विकेट गिरना टीम के लिए बड़ा झटका था, लेकिन उनकी शानदार पारी ने टीम को मैच में वापस ला दिया।
आगे का सफर: क्या कोहली तोड़ेंगे और रिकॉर्ड्स?
कोहली का प्रदर्शन यह दिखाता है कि वह अब भी अपने शिखर पर हैं। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज़ में दो और मैच बचे हैं, और इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत को पांच टेस्ट मैच खेलने हैं। अगर कोहली इसी फॉर्म में खेलते रहे, तो अगले कुछ महीनों में वह कई और रिकॉर्ड्स अपने नाम कर सकते हैं।
इसके अलावा, अगर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में पहुंचता है, तो कोहली के पास और भी अवसर होंगे। इस सीरीज़ और WTC के फाइनल तक, उनके पास सुनील गावस्कर को पीछे छोड़ने का सुनहरा मौका है।
कोहली का योगदान: सिर्फ रन नहीं, टीम को प्रेरित करना
कोहली का योगदान केवल रन बनाने तक सीमित नहीं है। वह टीम के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं। उनकी पारी ने टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी बेहतर खेलने का हौसला दिया। कोहली ने जिस तरह सरफराज खान के साथ साझेदारी की, वह युवा खिलाड़ियों के लिए एक सीख है कि मुश्किल हालात में कैसे संयम और धैर्य से खेलना चाहिए।
नतीजे का इंतज़ार: क्या भारत कर पाएगा वापसी?
तीसरे दिन के अंत तक भारत न्यूज़ीलैंड के स्कोर से सिर्फ 125 रन दूर था और पांच विकेट अभी भी शेष थे। अगर बाकी बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो भारत इस मैच को जीत सकता है। कोहली की पारी ने जो नींव रखी है, उस पर आगे के बल्लेबाजों को रन बनाने होंगे।
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निष्कर्ष: विराट कोहली का ‘महा-रिकॉर्ड’ और टीम इंडिया की वापसी
विराट कोहली ने इस मैच में न केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि हासिल की बल्कि टीम इंडिया को भी एक नई दिशा दिखाई। उनकी और सरफराज खान की साझेदारी ने मैच को दिलचस्प बना दिया है। इस तरह के प्रदर्शन से पता चलता है कि कोहली न केवल एक महान बल्लेबाज हैं, बल्कि टीम के लिए सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक भी हैं।
आने वाले मैचों में कोहली से इसी तरह के प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। अगर वह इसी फॉर्म में बने रहते हैं, तो भारत के पास न केवल इस सीरीज़ में जीत दर्ज करने का मौका है, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचने का भी सुनहरा अवसर है।
अंत में: विराट कोहली का यह ‘महा-रिकॉर्ड’ टीम के लिए बहुत मायने रखता है। उन्होंने यह दिखा दिया है कि हार के हालात में भी जीत की उम्मीद पैदा की जा सकती है। अब देखना यह होगा कि क्या टीम इंडिया इस मौके को भुना पाती है और कोहली आने वाले मैचों में और रिकॉर्ड बनाते हैं या नहीं।
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